Cooking Oil: कुछ खास किस्‍म के कुकिंग ऑयल से बढ़ रहा युवाओं में कोलन कैंसर का खतरा
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Cooking Oil: कुछ खास किस्‍म के कुकिंग ऑयल से बढ़ रहा युवाओं में कोलन कैंसर का खतरा

Colon Cancer: वैसे भी कहा जाता है कि सनफ्लावर, कैनोला, मक्‍का और अंगूर के बीज से बने कई तेलों के बहुतायत सेवन से बॉडी में इंफ्लेमेशन का खतरा बढ़ जाता है.

Cooking Oil: कुछ खास किस्‍म के कुकिंग ऑयल से बढ़ रहा युवाओं में कोलन कैंसर का खतरा

Cancer Causing Oils: कुछ खास किस्‍म के खाना बनाने वाले तेल से अमेरिकी युवाओं में कोलन कैंसर का खतरा बढ़ रहा है. एक स्‍टडी में ये बात निकलकर आई है. वैसे भी कहा जाता है कि सनफ्लावर, कैनोला, मक्‍का और अंगूर के बीज से बने कई तेलों के बहुतायत सेवन से बॉडी में इंफ्लेमेशन का खतरा बढ़ जाता है. इस स्‍टडी में कोलन कैंसर से पीड़ित 80 मरीजों पर किए गए अध्‍ययन के बाद निष्‍कर्ष निकाले गए हैं. स्‍टडी में पाया गया कि इन मरीजों के ट्यूमर में बायोएक्टिव लिपिड्स का उच्‍च स्‍तर था. बॉडी में सीड ऑयल के अणुओं के टूटने से इस तरह के लिपिड्स विकसित होते हैं. ये लिपिड्स दो तरह से शरीर के लिए घातक होते हैं. एक तो ये पेट में गैस-जलन (इंफ्लेमेशन) बढ़ाते हैं और दूसरा ये ऐसे ट्यूमर्स के खिलाफ बॉडी की लड़ने की क्षमता को कमजोर करते हैं. 

हालांकि इस तरह के प्रमाण अभी भले न मिले हों लेकिन ये माना जाता है कि अल्‍ट्राप्रोसेस्‍ड फूड ज्‍यादा नुकसानदेह साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि उसमें ऐसे सीड ऑयल, फैट, शुगर और अन्‍य केमिकल्‍स की मात्रा होती है जो पाचन प्रक्रिया में इंफ्लेमेशन को बढ़ाती है. 

हालांकि अमेरिका में कैंसर और हार्ट डिसीज से जुड़ी हुईं प्रमुख संस्‍थाओं का अभी तक यही कहना रहा है कि इस तरह के कोई साक्ष्‍य नहीं मिले हैं जो ये बताता हो कि मॉडरेट लेवल के सीड ऑयल सेवन से कोलन कैंसर या ऐसे किसी ट्यूमर के पनपने की किसी भी खतरे की आशंका को स्‍थापित करता हो. लेकिन इसके इतर ऐसी स्‍टडीज भी हालिया समय में सामने आ रही हैं जो ये बताती हैं कि ऐसे खाने के तेल या सीड ऑयल के अधिक सेवन से शरीर में इंफ्लेमेशन का खतरा बढ़ता है. नतीजतन दिल की बीमारियां और डायबिटीज होने की आशंका बढ़ती है. 

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यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा की टीम ने इस नई स्‍टडी को किया है. Journal Gut में ये मंगलवार को प्रकाशित हुई है. उसमें 30-85 साल के तकरीबन 80 लोगों के ट्यूमर्स के अध्‍ययन करने के बाद ये निष्‍कर्ष निकाला गया. इनमें 90 फीसद मामले ऐसे लोगों में पाए गए जिनकी उम्र 50 से कम थी. आधे मरीजों में तीसरी या चौथी स्‍टेज का कैंसर था. एक तिहाई में स्‍टेज टू का कैंसर था. 

स्‍टडी के मुताबिक एक औसत अमेरिकी सालभर में तकरीबन 100 पाउंड सीड ऑयल का सेवन कर रहा है जोकि 1950 के दशक की तुलना में एक हजार गुना ज्‍यादा है. अमेरिका में द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद के दौर में खेती के क्षेत्र में आई एडवांस तकनीकों के कारण सीड ऑयल का चलन काफी लोकप्रिय हुआ.

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